नव वर्ष की फ़िर से आहट हुई है
फ़िर कोई निश्चय लेने की चाहत हुई है
फ़िर से ख़ुद को खंगालने की कोशिश की
सोचा कुछ मिल जाए इस बार बदलने को
सोचा नव वर्ष में सदा सच बोलूँगा
फ़िर लगा की ऐसा निश्चय लिया तो
शायद पूरे वर्ष मुहँ ही नही खोलूँगा
सोचा छल कपट से दूर रहूँगा
लेकिन ऐसा निश्चय करना ही शायद
ख़ुद से छल करना है
छल के बगैर इस ज़माने में
अपना कहाँ काम चलना है
फ़िर कुछ और ख्याल आए
चलो इस बार सब ऐब छोड़ देते हैं
सदाचार की राह चलते हैं
समाज का कुछ ख्याल करते हैं
अपनी कुछ इमेज बदलते हैं
अचानक से सिर भारी होने लगा
बार बार करवटें बदलने लगा
शायद में किसी गहरे सपने से जगने लगा
हाँ सपना ही तो था ..सपना ही होगा
वरना कौन इतना सोचता है
आत्मग्लानी होने लगी
अपने स्वार्थ से अलग होने की इच्छा प्रबल होने लगी
उसी इक क्षण में मैंने प्रण लिया ख़ुद को बदलने का
नेक राह पर चलने का इक अच्छा इंसान बनने का
और शायद वही क्षण मेरे लिए नव वर्ष की शुरुवात थी
मैं स्वार्थ की चादर उतार चुका था
मेरा हैप्पी न्यू येअर हो चुका था
फ़िर कोई निश्चय लेने की चाहत हुई है
फ़िर से ख़ुद को खंगालने की कोशिश की
सोचा कुछ मिल जाए इस बार बदलने को
सोचा नव वर्ष में सदा सच बोलूँगा
फ़िर लगा की ऐसा निश्चय लिया तो
शायद पूरे वर्ष मुहँ ही नही खोलूँगा
सोचा छल कपट से दूर रहूँगा
लेकिन ऐसा निश्चय करना ही शायद
ख़ुद से छल करना है
छल के बगैर इस ज़माने में
अपना कहाँ काम चलना है
फ़िर कुछ और ख्याल आए
चलो इस बार सब ऐब छोड़ देते हैं
सदाचार की राह चलते हैं
समाज का कुछ ख्याल करते हैं
अपनी कुछ इमेज बदलते हैं
अचानक से सिर भारी होने लगा
बार बार करवटें बदलने लगा
शायद में किसी गहरे सपने से जगने लगा
हाँ सपना ही तो था ..सपना ही होगा
वरना कौन इतना सोचता है
आत्मग्लानी होने लगी
अपने स्वार्थ से अलग होने की इच्छा प्रबल होने लगी
उसी इक क्षण में मैंने प्रण लिया ख़ुद को बदलने का
नेक राह पर चलने का इक अच्छा इंसान बनने का
और शायद वही क्षण मेरे लिए नव वर्ष की शुरुवात थी
मैं स्वार्थ की चादर उतार चुका था
मेरा हैप्पी न्यू येअर हो चुका था
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